IPL से पहले टॉरेंट ग्रुप की हुई गुजरात टाइटंस टीम, BCCI से भी मिल गई हरी झंडी

टॉरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटंस की फ्रेंचाइजी टीम में हिस्सेदारी बढ़ाई

अहमदाबाद में स्थित कारोबारी समूह टॉरेंट ग्रुप ने दिया गया बयान में सोमवार को कहा कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नए सत्र की शुरुआत से पहले गुजरात टाइटंस की फ्रेंचाइजी टीम में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।

अधिग्रहण का विस्तार

टॉरेंट ग्रुप ने बयान में जारी किया कि उन्होंने गुजरात टाइटंस की नियंत्रक हिस्सेदारी को इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड से हासिल किया है, जिसका स्वामित्व फिलहाल निजी इक्विटी कोष सीवीसी के पास है।

स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े समूह ने अधिग्रहण के संदर्भ में कहा, “जरूरी शर्तों को पूरा करने के साथ ही अब अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।”

वित्तीय विवरण

लेकिन, टॉरेंट ग्रुप ने इस अधिग्रहण सौदे से जुड़े वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया है। सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स ने वर्ष 2021 में गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी को 5,600 करोड़ रुपये में खरीदा था।

आईपीएल का महत्व

यह अधिग्रहण भारत के तेजी से बढ़ते खेल क्षेत्र में टॉरेंट समूह के प्रवेश को दर्शाता है। टॉरेंट ग्रुप ने 12 फरवरी को इस सौदे के लिए पक्के समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी।

आईपीएल में फिलहाल 10 टीमें मौजूद हैं जिनमें से अधिकांश टीमों का स्वामित्व बड़ी कंपनियों के पास है। देश के 10 प्रमुख शहरों या राज्यों के नाम पर गठित इन टीमों का स्वामित्व बड़े भारतीय समूहों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अतिसमृद्ध भारतीयों के पारिवारिक कार्यालयों के पास है।

फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान के गौरी खान फैमिली ट्रस्ट और जूही चावला एवं जय मेहता के मेहता ग्रुप के पास कोलकाता नाइट राइडर्स का स्वामित्व है।

यह नया कॉरपोरेट समूह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक बड़ी भविष्यवाणी हो सकता है।

भविष्यवाणी के महत्व

भारतीय क्रिकेट में नए कारोबारी समूहों के प्रवेश से आईपीएल का भविष्य और विकास निश्चित रूप से बढ़ चुका है। इन समूहों के साथ होने वाली निवेश और भागीदारी से न केवल क्रिकेट के लिए नए विकास के द्वार खुले हैं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए भी नई अवसर और प्रेरणा का स्रोत बना है।

इस अधिग्रहण से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय क्रिकेट के व्यापक प्रभाव के माध्यम से उद्यमिता और निवेशकों के बीच संबंध और समर्थन बढ़ रहा है। इससे न केवल क्रिकेट के क्षेत्र में नया उत्साह भारतीय खिलाड़ियों को मिलेगा, बल्कि यह बाजार को भी नई ऊर्जा और दिशा देगा।

क्रिकेट के साथ बिजनेस का मेल

आईपीएल के साथ अब यह दिखाई दे रहा है कि क्रिकेट सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यावसायिक अवसर भी है। यहाँ खेल के साथ-साथ बिजनेस करने का मौका भी मिल रहा है, जिससे न केवल खिलाड़ियों को फायदा होगा, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए भी नए विस्तार का माध्यम होगा।

यह समूहों द्वारा क्रिकेट फ्रेंचाइजी में निवेश करने से भारतीय खेल से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों का विकास होगा। उच्च वित्तीय लाभ के साथ-साथ, यह निवेश भारतीय क्रिकेट के स्तर को भी ऊपर ले जाएगा।

संभावित प्रभाव

टॉरेंट ग्रुप की गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी में हिस्सेदारी बढ़ाने के इस कदम से भारतीय क्रिकेट के भविष्य में सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। नए वित्तीय विकल्पों के साथ, खिलाड़ियों के लिए भी नए मौके उपलब्ध हो सकते हैं, जो उन्हें अपनी क्रिकेट करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

इस प्रकार, भावित प्रभाव के साथ-साथ, न्यूनतम निवेश से अधिक लाभ का संभावना है, जो भारतीय क्रिकेट के विकास और मान्यता में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।

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